इधर कुछ दिलचस्प घटा है. जहाँ, एक तरफ भारतीय
फिल्म उद्योग में नए खून का संचार हुआ. कन्नड़ फिल्मों के यश, तमिल फिल्मों
के सूर्य,
विजय, तेलुगु फिल्मों के नानी,
रामचरण,
जूनियर एनटीआर, निखिल सिद्धार्थ, आदि और मलयालम फिल्मों से दुलकर सलमान का अखिल
भारतीय पदार्पण हुआ. वहीँ इन उगते सूरजों के मध्य अस्त होते सूरज पूर्व को रोशन
करने लगे.
हालिया प्रमाण के बॉलीवुड के ढाई किलों के घूंसे वाले
नायक सनी देओल है. पैंसठ साल के सनी देओल की फिल्म ग़दर २ ने बॉक्स ऑफिस पर
कीत्तिमान भंग करने और नए स्थापित करने का सिलसिला प्रारंभ कर दिया है. कोई अचरज
नहीं यदि यह फिल्म ६०० करोड़ क्लब की नींव रखे या सबसे अधिक व्यवसाय करने वाली
हिंदी फिल्म प्रमाणित हो.
जब, ११ अगस्त २०२३ को प्रदर्धित ६५
वर्षीय अनिल शर्मा निर्देशित फिल्म ग़दर २ बॉक्स ऑफिस पर ग़दर मचा रही थी, उसके ठीक
एक दिन पहले अर्थात १० अगस्त को ७२ साल के रजनीकांत की ३९ साल के निर्देशक नेल्सन
दिलीपकुमार की तमिल फिल्म जेलर ने बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ना प्रारंभ कर दिया था.
नेल्सन दिलिपुकर ने, इस वयोवृद्ध अभिनेता को अपनी दृष्टि से कुछ इस रूप में
प्रस्तुत किया कि युवा दर्शक भी फिल्म थिएटरों में टूट पड़े.
इससे भी पहले, ३ जून २०२२ को, कमल हासन की तमिल एक्शन फिल्म विक्रम ने बॉक्स ऑफिस को झिंझोड़ का
रख दिया था. यहाँ उनहत्तर वर्षीय अभिनेता कमल हसन को ३७ साल के युवा निर्देशक लोकेश कनकराज का साथ मिला था. लोकेश ने
इस ६० प्लस के अभिनेता को उनकी तमाम विशिष्टताओं के साथ परदे पर प्रस्तुत किया.
फिल्म विक्रम पूरे भारत के दर्शकों को आकर्षित कर पाने में सफल हुई.
स्पष्ट रूप से सिक्सटी प्लस के अभिनेताओं में दम है. पर
उन्हें नई दृष्टि से इस प्रकार से प्रस्तुत करना है कि युवा दर्शक उनकी उम्र को
महत्त्व न दें. इस दृष्टि से ६५ वर्ष के अनिल शर्मा बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने
सनी देओल के तारा सिंह का २२ साल बाद कुछ इस प्रकार से उपयोग किया कि २२ साल बाद
भी वह पाकिस्तान से अपने बेटे के दुल्हनिया वापस दिल पाने में सफल हुआ और दर्शकों
ने इसे स्वीकार किया.
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